Safar part-1 अनाथा मंदिर से निकलकर घर जाने में हुई नजर पड़ी एक युवती पर, जिस को सब देख रहे मेरी ही तरह रूक रुक कर, देखके लगा उसको जैसे मानो संगमरमर की मूरत है। सुंदरता जैसे सभी समाई उसमे, मानो शीतल जल जैसी पवित्र है नजरो को नीचे कर चल रही थी ,जाने क्यों वो घबरा रही थी कुछ ने उसे महनुस कहा, कुछ ने उसको दुत्कार दिया,कुछ बेचारी कह रहे, और कुछ गंदी नजरो से देख रहे , न जाने उसका क्या दोष था न जाने क्या अपराध किया था रंग भी सारे रूठे थे एक रंग ही उसके हिस्से में था उसका मुख देख ऐसा लगा मानो अब रो देगी वो, अपने आप को ही दोष दे रही "क्यों घर से निकली वो " सफेद साड़ी पहनकर उसने अपना सबकुछ गवा लिया, दुनिया की इन रस्मो ने जीवित नारी को मृत बना दिया, अनाथा part 1 #bolteshbddimika #nojoto #story #stories #WOD