कितनी सही बात कही है खरगोश ने कि, फ़ितरत में नर्मी होना भी एक ताक़त ही होती है। जिस तरह घास की फ़ितरत में नर्मी और लचक होती है, तभी तो वो बड़े से बड़े तूफ़ान में भी झुक जाती है और अपने वजूद को तूफ़ान के बाद भी बचा कर रखती है। बिलकुल उसी तरह हम इंसानों में भी नर्मी और लचक होनी चाहिए, ताकि हम भी ज़रूरत पड़ने पर ज़िंदगी के बड़े बड़े तूफ़ानों के आगे झुक सके से अपने वजूद को बचा सके। हर वक़्त ही हम अकड़ कर और तन कर खड़े रहेंगे अगर तो जैसे बड़े बड़े पेड़ भी उखड़ जाते हैं तूफ़ान में और अपना वजूद खो देते हैं, बिलकुल उसी तरह हम भी टूट कर बिखर सकते हैं और हमारी अकड़ हमारे वजूद को ख़त्म कर सकती है । इसलिए हमें चाहिए कि हम अपने अंदर नर्मी बनाए रखें, सिर्फ़ ख़ुद के लिए ही नहीं बल्कि दूसरों के लिए भी। ©Sh@kila Niy@z #basekkhayaal #basyunhi #Dil #narmi #Zindagi #nojotohindi #Quotes #17November