#OpenPoetry हर गम दिल से निकल अल्फ़ाज़ बन जाए, जब ये दोस्तो की महेफिल मे सारे यार मिल जाए। आओ चलो तुम कुछ अपनी सुनाओ, आओ चलो हम कुछ अपनी सुनाए, और, इस महेफ़ि-ऐ-शाम को और भी रंगीन बनाये। ✍कविता गुजरे आओ चलो तुम कुछ अपनी सुनाओ #OpenPoetry