और वो जो पंक्तियां लिखते हो कविताएं करते हो,छल नहीं कर सकते उन पर आँखें मूंद कर,कर लेना विश्वास वो स्वास छोड़ दे,प्रेम नहीं छोड़ सकते वो तुम्हारा कोमल हृदय नहीं तोड़ सकते ये जो कठोर बने घूमते हो तुम,ये हो ही नहीं,आवरण है समझती हु,जानती हु मै,तुम्हारी आत्मा को पहचानती हु मैं बड़ी निष्ठा से यही तुम्हारी प्रतीक्षा में हु तुम स्वयं गए हो,आओगे भी स्वयं ही मुझे कोई हठ नहीं है ऐसा, अपने प्रेम के लिए मै सहस्त्रों बार तुम्हारे आगे नतमस्तक हो सकती हु मै तो यू भी तुम्हारे चरणों को ही जानती हु परन्तु मेरे प्रेम की विजय तो तब ही हैं जब तुम स्वयं लौट आओ मेरे पास मेरी निष्ठा का सम्मान ही तब है,जब मुझे बिना मांगे सहज तुम्हारा प्रेम,तुम्हारी चेष्टाएं,तुम्हारा साथ मिले तुम्हे विवश कर मुझे तुम से कुछ भी नहीं चाहिए मै आकांक्षी हु एक दिन तुम आओगे और प्रमाणित कर दोगे कोमल हृदय की निश्छल भावनाएं देर, सवेर सम्मानित होती ही हैं तुम मेरे प्रेम को विजयश्री दोगे ना??? ©ashita pandey बेबाक़ #Thinking लव सैड शायरी लव स्टेटस लव शायरियां लव शायरी हिंदी में