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कभी ग़म तो कभी तन्हाई मार गयी, कभी याद आ कर उ

कभी ग़म तो कभी तन्हाई मार गयी, 
 
  कभी याद आ कर उनकी जुदाई मार गयी,
 
  बहुत टूट कर चाहा जिसको हमने, 
 
 आखिर में उनकी ही बेवफाई मार गयी.,

©Dil galti kr baitha h
  कभी ग़म तो कभी तन्हाई मार गयी, 
 
  कभी याद आ कर उनकी जुदाई मार गयी,
 
  बहुत टूट कर चाहा जिसको हमने, 
 
 आखिर में उनकी ही बेवफाई मार गयी.,

कभी ग़म तो कभी तन्हाई मार गयी, कभी याद आ कर उनकी जुदाई मार गयी, बहुत टूट कर चाहा जिसको हमने, आखिर में उनकी ही बेवफाई मार गयी., #Shayari

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