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तेरे हुस्न के जलवे बेकरारी बढ़ा रहे हैं, यूँ धीरे-

तेरे हुस्न के जलवे बेकरारी बढ़ा रहे हैं,
यूँ धीरे-धीरे हम भी तेरे पास आ रहे हैं।
तेरे इंतजार में अभी आधी रात गुजरी,
दीये जला रहे हैं कभी दीप बुझा रहे हैं। 
तेरे शहर के बाशिंदे हो लीये आवारा,
यहाँ जा रहे है कभी वहां जा रहे हैं।
खुद से बेखबर औरों पे नज़र रखते,
बातों की रेत से बस्ती बसा रहे हैं। 
हुये जो तेरे दीवाने ये खता न हमारी,
तेरे हसीन जलवें वो दर्द जगा रहे हैं। 
रैना"सोच ले क्या जिंदगी का मकसद,
होते सफेद बाल सब कुछ बता रहे हैं।
 रैना"

©Rajinder Raina होते सफेद बाल

#OneSeason
तेरे हुस्न के जलवे बेकरारी बढ़ा रहे हैं,
यूँ धीरे-धीरे हम भी तेरे पास आ रहे हैं।
तेरे इंतजार में अभी आधी रात गुजरी,
दीये जला रहे हैं कभी दीप बुझा रहे हैं। 
तेरे शहर के बाशिंदे हो लीये आवारा,
यहाँ जा रहे है कभी वहां जा रहे हैं।
खुद से बेखबर औरों पे नज़र रखते,
बातों की रेत से बस्ती बसा रहे हैं। 
हुये जो तेरे दीवाने ये खता न हमारी,
तेरे हसीन जलवें वो दर्द जगा रहे हैं। 
रैना"सोच ले क्या जिंदगी का मकसद,
होते सफेद बाल सब कुछ बता रहे हैं।
 रैना"

©Rajinder Raina होते सफेद बाल

#OneSeason

होते सफेद बाल #OneSeason