इस मायावी दुनिया में एक प्राणी है जिसका नाम है मनुष्य, जो न धूप में खुश रहता है न छांव में न दिन में खुश रहता है न रात में न सुख में खुश रहता है न दुख में न बारिश में खुश रहता है न जाड़े में न गर्मी में खुश रहता है और न ठंड में न पतझड़ में खुश रहता है न बहारों में न घर में खुश रहता है न बाहर में न प्रभु के दिए हुए जीवन में खुश रहता है और न अपने कमाए हुए धन से क्योंकि इस प्राणी को दूसरों के गम से खुशी होती है। ४२४/३६६ उफ्फ ये इंसान। यह ज़िंदगी । यह फितरत। #सच्चाई yreeta-lakra-9mba