हां…. आज आप सबको एक राज़ की बात बतानी थी…. अरे भई… मेरी नहीं… हम सभी की…. आप सबने यह तो सुन ही रक्खा होगा कि प्रेम अंधा होता है… जी हां… आंखें तो होती हैं… मगर दिखाई नहीं देता… है न मजे की बात….. लेकिन राज़ की बात जो बताने जा रहा हूं वो ये कि अंधे के साथ साथ बहरा भी होता है तभी तो समझाने वाला लाख सर पटक ले मगर सामने वाले के कान पर जूं तक नहीं रेंगती तो इसको बहरा ही कहेंगे न इतना ही नहीं… ये गूंगा भी हो जाता है इसकी जुबां भी बंद हो जाती है… तो हुआ न अंधा , बहरा , गूंगा हां … इतना तो पता है मगर लूला , लंगड़ा भी होता है… पता नहीं वैसे एक बार गिर कर देख लें यदि हाथ पैर टूटे तो लूला , लंगड़ा भी…. आप एक ट्राई तो कर ही सकते हो न…. इस आपाधापी दौड़ में थोड़ा सा हंस लें तो क्या बुराई है… सबको खुशी ही तो मिलेगी न…. करिए… करिए… प्रेम अंधा , गूंगा , बहरा और शायद लूला लँगड़ा ©Andy Mann #love_shayari KK क्षत्राणी