Nojoto: Largest Storytelling Platform

बचपन की यादों में खोकर, मेरा मन आज भी बच्चे जैस




बचपन की यादों में खोकर, मेरा मन आज भी बच्चे जैसा ही बन जाता है। 
याद करता है वह शैतानियां, वह नादानियां फिर उसी में खोकर रह जाता है।

बारिश में भीग कर नहाना, वह मां-पापा की डांट खाना बड़ा याद आता है।
वो दिन भी क्या दिन थे! दादी-नानी से किस्से-कहानियां सुनना ही भाता था।

खेलने-कूदने के लिए, पढ़ाई से जी चुराना, वो बहाने बना घूमना याद आता है।
स्कूल ना जाने के लिए पेट दर्द का बहाना बनाना, फिर समोसे खाना भाता था।

क्लास से बाहर बैठने के लिए होमवर्क ना करके ले जाना बैठ कर गप्पे लड़ाना,
दोस्तों की टोली संग मौज-मस्ती करना समय बिताना, बड़ा ही सुहाता था।

भेदभाव रीति-रिवाजों से अलग, अपनी छोटी सी दुनियां में खोये रहना सुहाता था।
चेहरे पर मासूमियत थी, दिल में ना कोई बैर था, बस केवल दोस्ती निभाना आता था।

-"Ek Soch"
 🌠💠𝐂𝐡𝐚𝐥𝐥𝐞𝐧𝐠𝐞 -𝟲💠🌠
#𝐜𝐨𝐥𝐥𝐚𝐛_𝐰𝐢𝐭𝐡_𝐚𝐚𝐩𝐤𝐢_𝐥𝐞𝐤𝐡𝐧𝐢

आज की रचना के लिए हमारा शब्द है 🎈📥
⬇🔻⬇🔻⬇🔻 ⬇ 🔻⬇ 🔻⬇
🎀वो दिन भी क्या दिन थे!🎀
🎗🎗🎗🎗🎗🎗🎗🎗



बचपन की यादों में खोकर, मेरा मन आज भी बच्चे जैसा ही बन जाता है। 
याद करता है वह शैतानियां, वह नादानियां फिर उसी में खोकर रह जाता है।

बारिश में भीग कर नहाना, वह मां-पापा की डांट खाना बड़ा याद आता है।
वो दिन भी क्या दिन थे! दादी-नानी से किस्से-कहानियां सुनना ही भाता था।

खेलने-कूदने के लिए, पढ़ाई से जी चुराना, वो बहाने बना घूमना याद आता है।
स्कूल ना जाने के लिए पेट दर्द का बहाना बनाना, फिर समोसे खाना भाता था।

क्लास से बाहर बैठने के लिए होमवर्क ना करके ले जाना बैठ कर गप्पे लड़ाना,
दोस्तों की टोली संग मौज-मस्ती करना समय बिताना, बड़ा ही सुहाता था।

भेदभाव रीति-रिवाजों से अलग, अपनी छोटी सी दुनियां में खोये रहना सुहाता था।
चेहरे पर मासूमियत थी, दिल में ना कोई बैर था, बस केवल दोस्ती निभाना आता था।

-"Ek Soch"
 🌠💠𝐂𝐡𝐚𝐥𝐥𝐞𝐧𝐠𝐞 -𝟲💠🌠
#𝐜𝐨𝐥𝐥𝐚𝐛_𝐰𝐢𝐭𝐡_𝐚𝐚𝐩𝐤𝐢_𝐥𝐞𝐤𝐡𝐧𝐢

आज की रचना के लिए हमारा शब्द है 🎈📥
⬇🔻⬇🔻⬇🔻 ⬇ 🔻⬇ 🔻⬇
🎀वो दिन भी क्या दिन थे!🎀
🎗🎗🎗🎗🎗🎗🎗🎗

🌠💠𝐂𝐡𝐚𝐥𝐥𝐞𝐧𝐠𝐞 -𝟲💠🌠 #𝐜𝐨𝐥𝐥𝐚𝐛_𝐰𝐢𝐭𝐡_𝐚𝐚𝐩𝐤𝐢_𝐥𝐞𝐤𝐡𝐧𝐢 आज की रचना के लिए हमारा शब्द है 🎈📥 ⬇🔻⬇🔻⬇🔻 ⬇ 🔻⬇ 🔻⬇ 🎀वो दिन भी क्या दिन थे!🎀 🎗🎗🎗🎗🎗🎗🎗🎗 #YourQuoteAndMine #⃣ #collab_with_aapki_lekhni #आपकी_लेखनी #yq_hindi #yq_quote #vo_din_bhi_kyadinthe