उड़ना तूने सिखाया था पंख भी तूने काटे थे रास्ते भी तूने दिखाये थे और काटे भी तूने बिछाये थे दूर हि करना था तो कभी पास हि ना आते आखिर रेत पर प्यार के महल क्यो बनाये थे कैसे ना कहु मेरे बर्दाबादी मे तेरा हाथ नही सपने भी तूने दिखाए थे पीठ पर खंजर भी तूने चलाये थे ©Dheeraj kumar #alone nafrat hoti hai ab mujhe apno logo se