बहुत से ख्वाब बुनते हैं सब जब आती है बात शादी की। पर न रहता कुछ ख्वाब जैसा जब तब लगता है आगाज बर्बादी की।। कभी तो उभरकर निखरता है प्यार चेहरे पर। तो कभी बहने लगते हैं ख्वाब आँखो में आँशु बनकर ।। सात फेरों के साथ ही कभी मिल जाती है दोनों के राहें । कभी दरारें कुछ ऐसे पडते हैं की एक साथ रहकर भी मिलती नहीं बाहें ।। कभी शापिंग माॅल में पिछे चलते पति के वजन उठाते हाथ। तो कभी आफिस पार्टी में हिचकिचाती हुई श्रीमती जी का साथ ।। कभी गहने-शाडी को लेकर पत्नी का मुँह फुलाना । तो कभी खाने में नमक मिर्च को लेकर पति का भाषण देना ।। कभी घरवालों की भीड़ में भी अपनी नजदीकियां ढूँढ लेना । तो कभी समानांतर रेखाएं जैसे बिस्तर के दोनों धार पकड़ लेना ।। ऐसी कुछ खट्टी सी मिठी सी कहानी है ये शादी । निभाना पडे सम्भालकर नहीं तो बैशक बनेगी बर्बादी ।। #शादीयाबर्बादी #yqbaba #YQdidi