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कुछ रह गया है दिन भर आते फ़ोन कॉल्स में रोज रात

कुछ रह गया है 

दिन भर आते फ़ोन कॉल्स में 
रोज रात को 9 बजे आने वाला कॉल रह गया है ,
घर जाने की रहती थी मुझे हमेशा उत्सुकता 
बिन पिता के सूना घर का आंगन रह गया है ,
गलती पर समझाना और हौंसला देना 
पागल है ,क्या तू कर लेगा ये सब सुनना रह गया है ,
जितना समय बिताया लगता था अभी तो वक़्त बहुत है 
वक़्त बचा हुआ है यार पापा आपके साथ बैठना रह गया है ,
सगे सम्बन्धी आपके होते हुए ही लगते थे अपने 
अब तो रिश्ता उनका हमसे बस नाम मात्र का रह गया ,
वो खिल खिलाकर हँसना गहरी बातें हल्के से कह जाना 
वो पलँग बिस्तर तो है दांतो का किटकिटा कर सोना रह गया है ,
पा लेंगे लाख मंज़िले कर ले फतेह भले ही सब कुछ 
यार पापा आपके गले लगकर शाबाशी लेना रह गया है ।

©Dr.Govind Hersal #MountainPeak #yaarpapa #FathersDay #Love #pitaji
कुछ रह गया है 

दिन भर आते फ़ोन कॉल्स में 
रोज रात को 9 बजे आने वाला कॉल रह गया है ,
घर जाने की रहती थी मुझे हमेशा उत्सुकता 
बिन पिता के सूना घर का आंगन रह गया है ,
गलती पर समझाना और हौंसला देना 
पागल है ,क्या तू कर लेगा ये सब सुनना रह गया है ,
जितना समय बिताया लगता था अभी तो वक़्त बहुत है 
वक़्त बचा हुआ है यार पापा आपके साथ बैठना रह गया है ,
सगे सम्बन्धी आपके होते हुए ही लगते थे अपने 
अब तो रिश्ता उनका हमसे बस नाम मात्र का रह गया ,
वो खिल खिलाकर हँसना गहरी बातें हल्के से कह जाना 
वो पलँग बिस्तर तो है दांतो का किटकिटा कर सोना रह गया है ,
पा लेंगे लाख मंज़िले कर ले फतेह भले ही सब कुछ 
यार पापा आपके गले लगकर शाबाशी लेना रह गया है ।

©Dr.Govind Hersal #MountainPeak #yaarpapa #FathersDay #Love #pitaji