मीर सी वहशत क्या तुम कभी लिख पाओगे, मोहब्बत मोहब्बत करते हो क्या मोहब्बत लिख पाओगे? खाली सफो पर तुमने मेरे बारे है बहुत लिखा दिल के वरक पर अपने क्या मुझे लिख पाओगे? जानते हो मेरे बारे मगर अनजान बनते हो बताओ क्या कभी मेरी हसरत लिख पाओगे? दिलकशी, उन्स, अकीदत, इबादत, मोहब्बत मुकाम काबिल है जुनून मे इससे आगे क्या मौत लिख पाओगे? खैर मौत तो मुकम्मल है एक रोज 'तरूण' जिस्मों से परे क्या रूह पर मोहब्बत लिख पाओगे? #वहशत #मोहब्बत #mir #ghazal #गजल #ghazal #shayar #tarunvijभारतीय