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वो दिन के उजालो मे कही खो जाता है रात होते ही कि

वो दिन के उजालो मे कही खो जाता है 

रात होते ही किसी के खुआब मे सो जाता है 



मैं बात भी करू तो कैसे करुँ ए दोस्त 

वो लफ्ज़ ए मोहब्बत सुनकर ही रो जाता है 


किसी को अपना बनाने से भी अब डरती हूँ 

जिसको समझू अपना वो अजनबी हो जाता है

©Riyashaikh
  #ajnavi #@ Da"Divya Tyagi" Ehsaas"(ˈvamˌpī(ə)r)"Radio   NIKHAT الفاظ جو دل چو جائے  R K Mishra " सूर्य " Dr.Javed Sikandar