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हवा कुछ कह रही थी तुम्हें छूकर आयी है... धीरे से ब

हवा कुछ कह रही थी
तुम्हें छूकर आयी है...
धीरे से बता रही थी...
मुझमें जलन पैदा कर रही थी...
कहाँ हो तुम कैसे हो तुम...
तड़पा-तड़पा कर तुम्हारा पता दे रही थी...
कभी हल्की सी सिहरन देकर..
कभी एकदम रोएँ खड़ी कर देने वाली
चुभन देकर...
मेरी बेचैनी को और बढ़ा रही थी...
कभी तेजी से आँखों में जाकर...
मेरे ग़म को अश्रु रूप में बहा रही थी...
हवा कुछ गुनगुना रही थी...
हवा कुछ कह रही थी....!!!


मुनेश शर्मा 💕
 हम अक्सर पार्कों में, खुली जगहों पर जाते हैं मगर वहाँ रहते नहीं।
#हवाकहरहीथी #collab #yqdidi    #YourQuoteAndMine
Collaborating with YourQuote Didi
हवा कुछ कह रही थी
तुम्हें छूकर आयी है...
धीरे से बता रही थी...
मुझमें जलन पैदा कर रही थी...
कहाँ हो तुम कैसे हो तुम...
तड़पा-तड़पा कर तुम्हारा पता दे रही थी...
कभी हल्की सी सिहरन देकर..
कभी एकदम रोएँ खड़ी कर देने वाली
चुभन देकर...
मेरी बेचैनी को और बढ़ा रही थी...
कभी तेजी से आँखों में जाकर...
मेरे ग़म को अश्रु रूप में बहा रही थी...
हवा कुछ गुनगुना रही थी...
हवा कुछ कह रही थी....!!!


मुनेश शर्मा 💕
 हम अक्सर पार्कों में, खुली जगहों पर जाते हैं मगर वहाँ रहते नहीं।
#हवाकहरहीथी #collab #yqdidi    #YourQuoteAndMine
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हम अक्सर पार्कों में, खुली जगहों पर जाते हैं मगर वहाँ रहते नहीं। #हवाकहरहीथी #Collab #yqdidi #YourQuoteAndMine Collaborating with YourQuote Didi