योगेश्वर श्री कृष्ण से मेरी एक मुलाक़ात हुई। मुस्कुराते मुस्कुराते दुःख सुख की बात हुई। हे कृष्ण! हे यादव! हे सखे! कैसे हो? मैंने पूछा। वो चिर परिचित अंदाज़ में मुस्कुराये और बोले। असली मांखन नहीं मिलता शॉर्टेज चल रहा है! रास लीला का ठिकाना नहीं कॉटेज चल रहा है। गोपियाँ सब की सब सोशल मीडिया पर व्यस्त हैं। इसलिए पाठक जी हम तो योगनिंद्रा में मस्त हैं। 🎀 Challenge-292 #collabwithकोराकाग़ज़ ❤ जन्माष्टमी की हार्दिक शुभकामनाएँ ❤ 🎀 यह व्यक्तिगत रचना वाला विषय है। 🎀 कृपया अपनी रचना का Font छोटा रखिए ऐसा करने से वालपेपर खराब नहीं लगता और रचना भी अच्छी दिखती है।