मेरे आंसूओं की गवाही वो तकिया ही दे सकता है जिस पर सर रखकर हमनें ना जाने कितने आंसू बहाये। ©Sujeet Banshiwal मेरे आंसूओं की गवाही वो तकिया ही दे सकता है जिस पर सर रखकर हमनें ना जाने कितने आंसू बहाये।