सागर में जैसे हो उठती लहर खामोश जाने क्यूँ हैं शहर कल भूला दिया था जिसनें वो हमें आज ढूंढता है । तेरे नाम का दीवाना तेरे घर को ढूंढता है ।। दिल की जुबां तुम सुनते नही लफ्जों में बयां हमसे होता नहीं । जो छुपा रखा है तुमने वो भरम मैं ढूंढता हूँ । तेरे नाम का दीवाना तेरे घर को ढूंढता है ।। ©Pkroy recreation of tere naam ka diwana #Song #write #Rafi #Like #Love #share #repost #pkroy #Nojoto