भुला देना तुम बीता हुआ पल, ख्वाब थी...मेरा वो हकीक़त कर न पाया मैं इतनी बेचैनियॉ भर दी उसने मेरे कहीं अन्दर ख्वाब देखने कि नौबत तक कभी सो न पाया मैं.. जो साथ गुजरी है हमारे भले वो पल भुला देना पर थोड़ी मोहलत अता करना यादो को सहज़ने को थोड़ा सा आज़ ठहर लेना भले ही कल भुला दोना। ख्वाब ही रहा