इंकलाबी बोलियों संग झुलाए अपने शरीर थे झुका ना पाये फिरंगी तनिक,वे ऐसे वीर थे मरकर भी बने अमरता के अधिकारी जो मां भारती के तरकश के वे ऐसे तीर थे ©Poetic कुमार #bhagatsingh #BalidaanDivas #bhagatsinghrajgurusukhdev #Bhagat