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किस्मत अक्सर ही हम  रोना रोते रहते हैं  अपनी

किस्मत     

अक्सर ही हम 
रोना रोते रहते हैं 
अपनी फूटी किस्मत का 
     चाहे हमको मिला हो 
    कितना भी, अधिक क्यों न !

     नही होता आत्म संतोष 
            कभी भी हमको 
चाहते ही हैं - 
            और अधिक, और अधिक ।

_ऋतिका सूर्यवंशी.. #किस्मत
किस्मत     

अक्सर ही हम 
रोना रोते रहते हैं 
अपनी फूटी किस्मत का 
     चाहे हमको मिला हो 
    कितना भी, अधिक क्यों न !

     नही होता आत्म संतोष 
            कभी भी हमको 
चाहते ही हैं - 
            और अधिक, और अधिक ।

_ऋतिका सूर्यवंशी.. #किस्मत