ये अंधेरा हमे सताता है तेरे नाम से बहकाता है कभी घनघोर डराता है,तो कभी बहुत तड़पाता है ये अंतस्मन की पीड़ा का कोई तोड़ नही मिल पता है श्याम नाम की रटना में न जाने कब दिन यूँ ही कट जाता है एक राधा है प्रिय तुम्हारी ओर एक मीरा जोगन हो पायी है मैं भी तो हूं तेरे प्रेम की मारी क्या यूँ ही गोपी कहलायी हूं ओर नयन अभी भी सजल है मेरे तुम्हे ब्रज फिर आना होगा माखन मिश्री का भोज रखा है आकर भोग लगाना होगा जय श्री कृष्ण ©Himanshii chaturvedi सर्वधर्मान्परित्यज्य मामेकं शरणं व्रजा।। अहं त्वां सर्वपापेभ्यो मोक्षयिष्यामि मा शुचा:।। श्री कृष्ण गोविंद हरे मुरारे ।। हे नाथ नारायण वासुदेवः।। #LookingDeep #Nojoto #Nojoto