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Alcohol बताया बहुत मगर बता ना सके। जो अंदर था वो

Alcohol बताया बहुत मगर  बता ना सके। 
जो अंदर था वो सबको दिखा ना सके।।

 यू तो मिले  मशवरे बहुत मुझको।।  
तश्नगि हमारी कोई बुझा ना सके।। 

अकेले में सबने किया याद मुझको।
मेरी बारी में फोन भी उठा ना सके।। 

मिला ना कोई आज तक  साथी ऐसा। 
मयखाने में जो मेरी रस्म अदा कर सके।। 

वो लोग पीते रहे ,हम पिलाते रहे। 
कतरा  भी कोई जाम का बचा ना सके।। 

दुनिया की फितरत को  समझ ले" रवि"। 
छोड़ दे रिश्ते  'जो वक्त पर काम ना आ सके।।'

©ravi parihar #alcohol
Alcohol बताया बहुत मगर  बता ना सके। 
जो अंदर था वो सबको दिखा ना सके।।

 यू तो मिले  मशवरे बहुत मुझको।।  
तश्नगि हमारी कोई बुझा ना सके।। 

अकेले में सबने किया याद मुझको।
मेरी बारी में फोन भी उठा ना सके।। 

मिला ना कोई आज तक  साथी ऐसा। 
मयखाने में जो मेरी रस्म अदा कर सके।। 

वो लोग पीते रहे ,हम पिलाते रहे। 
कतरा  भी कोई जाम का बचा ना सके।। 

दुनिया की फितरत को  समझ ले" रवि"। 
छोड़ दे रिश्ते  'जो वक्त पर काम ना आ सके।।'

©ravi parihar #alcohol
hunnyhunny4705

RAVI PARIHAR

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