ज़िन्दगी का फ़लसफ़ा जो समझ पाते, तो वक़्त बे वक़्त यूँ आंसू ना बहाते हम... तेरे और मेरे दरमियाँ अभी कुछ तो बाकी है ऐ ज़िन्दगी, जो आंसुओ को पीकर भी ज़िंदा रह लेते है हम.... ना हैरान हो तू देख मेरी नादानियों को, अभी तो बाकी है मुझमे थोड़ा सा दम.... -माम्पी देबनाथ | #ऐ_ज़िन्दगी_गले_लगाले 💞