हमारे दरमियान जो फासले है कभी महफ़िल मै है कभी तन्हाई से गुजर रहे हैं ,कम्बख्त ईश्क़ का सिला जो मिला है कि अपनी ख़ुदाई भी कब्जे मै है ख़ुदाई कब्जे मै है