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मंजर मेरी मौत का कुछ यू करीब था, जो कुछ मुझे मिला

मंजर मेरी मौत का कुछ यू करीब था,
जो कुछ मुझे मिला वो मेरा नसीब था।
अब तो आखरी ख्वाहिश भी नही जीने की,
और कोई आरजू भी नही इस सीने की,
जनाजे में शामिल तुम भी हो जाना,
भले ही शमसान तक जाकर ,कब्र से लौट आना।।।

_@बदनाम परिन्दे।।। मौत से वास्ता।
मंजर मेरी मौत का कुछ यू करीब था,
जो कुछ मुझे मिला वो मेरा नसीब था।
अब तो आखरी ख्वाहिश भी नही जीने की,
और कोई आरजू भी नही इस सीने की,
जनाजे में शामिल तुम भी हो जाना,
भले ही शमसान तक जाकर ,कब्र से लौट आना।।।

_@बदनाम परिन्दे।।। मौत से वास्ता।