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कितने भी हाथ पैरों को चलाया था उसने तब भी , ज

कितने भी हाथ पैरों  को चलाया था उसने तब  भी ,
   जितने  गैरो  कमीनो  ने जलाया  था उसे अब  भी।
  अगर उसको इंसाफ  भी  तो यहां पr ही 
   नसीब नहीं है 
  मरना  जीना बराबर   है , कमाया सब   रद्दी  ही   है। #मुक्तक @four lines
कितने भी हाथ पैरों  को चलाया था उसने तब  भी ,
   जितने  गैरो  कमीनो  ने जलाया  था उसे अब  भी।
  अगर उसको इंसाफ  भी  तो यहां पr ही 
   नसीब नहीं है 
  मरना  जीना बराबर   है , कमाया सब   रद्दी  ही   है। #मुक्तक @four lines
erayushiguptadre7417

ayushigupta

Bronze Star
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