कभी रो के मुस्कुराए, कभी मुस्कुरा के रोए, जब भी तेरी याद आई तुझे भुला के रोए, एक तेरा ही तो नाम था जिसे हज़ार बार लिखा , जितना लिख के खुश हुए उस से ज़यादा मिटा के रोए. कभी रो के मुस्कुराए, कभी मुस्कुरा के रोए, जब भी तेरी याद आई तुझे भुला के रोए, एक तेरा ही तो नाम था जिसे हज़ार बार लिखा, जितना लिख के खुश हुए उस से ज़यादा मिटा के रोए. #NIRAJ