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*जिंदगी का कैल्कुलेशन* *बहुत बार किया।*

 *जिंदगी का कैल्कुलेशन*
           *बहुत बार किया।*
      *लेकिन, "सुख-दुःख" का*
  *ऐकांउट" कभी समझा ही नहीं!*
*जब टोटल किया तो समझ आया...*
       *"करर्मो" के सिवा.....*
 *...कुछ भी बैलेंस रहता नहीं !*
 *जिंदगी का कैल्कुलेशन*
           *बहुत बार किया।*
      *लेकिन, "सुख-दुःख" का*
  *ऐकांउट" कभी समझा ही नहीं!*
*जब टोटल किया तो समझ आया...*
       *"करर्मो" के सिवा.....*
 *...कुछ भी बैलेंस रहता नहीं !*