बड़ी नज़ाकत से मसर्रत का गुलशन संजोया था उसने, आज उसी मसर्रत का बिखरा गुलशन बना बैठा है वो। कभी खुशियों का पैग़ाम लिए फिरता था वो, आज तानों से अपनी झोली भर कर बैठा है वो। यूं तो उसके ज़ख़्मों से ख़बरदार है ये ज़माना, फिर भी अक्सर कहता...क्यूं दर्द से कराहता है वो। #NojotoQuote मसर्रत का गुलशन #nojoto #nojotohindi #kavishala #poetry #kalakaksh Meaning of word's: 1) नज़ाकत = कोमलता, विनम्रता 2) मसर्रत = ख़ुशी