बदकिस्मती को ‘मौत’ की सज़ा मिल गई, मुझे मां के पैरों की जब ‘छाँव’ मिल गई। बद्दुआओ की ‘धूप' बरप रही थी मुझ पर, मेरी ‘मां’ को देख किसी और गली निकल गई। । हेमंत राय। #Mother #motherDay #maa #Love #jannat #Shayari