यहाँ अच्छा कुछ नहीं बस ज़िन्दगी ढो रहे है। अपने दर्द को हर महफ़िल में रो रहे है।। अक्सर वो कहते थे कि आधे पागल हो आप पर अब लगता हैं? पूरा हो रहे है।।। पागलपंथी