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मुसाफिर है ये बंजारा तृष्णाओं में गगन नज़र में आजा

मुसाफिर है ये बंजारा 
तृष्णाओं में गगन
नज़र में आजादी लिए 
किसी उगते परिंदे का जीवन 
उदास मौसमों में 
जिंदगी तलाश करता है 
जमीं और आसमान के बीच की 
दो खूबसूरत दुनिया 
मानो परो को फैलाकर 
कह रही हो 
घोसलों में जन्मी इच्छाऐं 
इस तरह भी पूरी होती हैं #neelagagan #Chidiyan #ghosla
मुसाफिर है ये बंजारा 
तृष्णाओं में गगन
नज़र में आजादी लिए 
किसी उगते परिंदे का जीवन 
उदास मौसमों में 
जिंदगी तलाश करता है 
जमीं और आसमान के बीच की 
दो खूबसूरत दुनिया 
मानो परो को फैलाकर 
कह रही हो 
घोसलों में जन्मी इच्छाऐं 
इस तरह भी पूरी होती हैं #neelagagan #Chidiyan #ghosla