तू चाहती थी न कि मैं तेरे याद में खो जाऊं, किसी का भी न रहूँ मैं सिर्फ तेरा हो जाऊं। ये लोग ये भीड़ ना कोई साथ हो, कहीं दुर चले इस दुनियां से जहाँ कोई ना पास हो। इतने सारे सपने तूने एक साथ मुझे तो दिखा दिए, तूफान उठा कर दिल के दरिया में मझधार में मुझे फसा दिए। खुश तो आज बहुत होगी जो दूर तुमसे चला जा रहा हूँ, अपने ही इन हाथों से तेरी यादों की चिता मैं सजा रहा हूँ। धीरे-धीरे एक-एक कर तेरी यादों के साथ मैं खुद को जला रहा हूँ, उस चिता की ऊँची लपटों में तेरी यादों को मैं उड़ा रहा हूँ। रूह तो जल जएगा मेरा पर आत्मा न कभी मर पाएगी, कैसी मिलेगी मुक्ति इसको जब इसे तेरी याद सताएगी। तू दूरी चली जाती तो खुद को कैसे भी समझता मैं, पर तू तो हो गयी बेवफा क्या लोगो को ये बताता मैं। #Yad #YadoKiChita #Brokenheart