चंद्रगुप्त को प्यार हो जाता है तब चाणक्य उनसे कहते हैं कि तुम्हें उससे दूर रहना होगा तब चंद्रगुप्त बोलते हैं कि आचार्य कभी-कभी मैं सोचता हूं कि अगर भारत के सम्राट बनने के लिए इतना त्याग इतना बलिदान ना देना होता तो तो चाणक्य कहते हैं की हर कोई भारत का सम्राट होता... इसे मैंने नहीं लिखा है #SAD