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Alone कभी इशारों में मैंने व्यक्त करना चाहा मन मे

Alone  कभी इशारों में
मैंने व्यक्त करना चाहा
मन में उपजे प्रेम को

या तो समझी नहीं
मेरी विकलता उसने

या फिर करती रही
ढोंग ना समझने की

~ मनीष गिरी #नसमझ
Alone  कभी इशारों में
मैंने व्यक्त करना चाहा
मन में उपजे प्रेम को

या तो समझी नहीं
मेरी विकलता उसने

या फिर करती रही
ढोंग ना समझने की

~ मनीष गिरी #नसमझ