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कैसा लगता है जब वो आचानक करीब आ जाती है जिसे के लि

कैसा लगता है जब वो आचानक करीब आ जाती है
जिसे के लिए सोचता हूं, और वो सामने आ कर खड़ी हो जाती है। 
ऐसा लगता है मानों दिल की धड़कनें आचानक थम सी जाती है,
और दिल की धड़कनें तब बढ़ सी जाती है,
जब वो मेरे हाथों पे अपने हाथ रख चुप चाप बैठ जाती है,
और घंटों मेरे आँखों में आँखे डाल सिर्फ मुझे देखतें रहती है,
अपने सारी खुशियाँ और सारे दर्द चुप - चाप हीं बयां कर जाती है। #kantesh @
कैसा लगता है जब वो आचानक करीब आ जाती है
जिसे के लिए सोचता हूं, और वो सामने आ कर खड़ी हो जाती है। 
ऐसा लगता है मानों दिल की धड़कनें आचानक थम सी जाती है,
और दिल की धड़कनें तब बढ़ सी जाती है,
जब वो मेरे हाथों पे अपने हाथ रख चुप चाप बैठ जाती है,
और घंटों मेरे आँखों में आँखे डाल सिर्फ मुझे देखतें रहती है,
अपने सारी खुशियाँ और सारे दर्द चुप - चाप हीं बयां कर जाती है। #kantesh @