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घड़ी भर का था साथ. रास्ते में मिले थे हम साथ का


घड़ी भर का था साथ.   रास्ते में मिले थे हम 
साथ का अहसास तो अभी भी है बना हुआ   हालाकि रास्ते हमारे बदल गए  है

कितनी तकलीफ  होती है ज़ब हम बूढ़े होने लगते है
और ज्यादा तकलीफ तब होती है
ज़ब खोपड़ी में जवानी के सपने
बुढ़ापे के साथ चलते है

©Arora PR
   घड़ी भर का साथ
arorapr7519

Arora PR

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घड़ी भर का साथ #कविता

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