चलो आज अपनी नहीं किसी और कि बात करता हूं, खूद के नहीं किसी और के ज़ज्बात लिखता हूं। कहने को तो कोई रिश्ता नहीं उनसे, मह़ज उन्हें मैं दोस्त ही कहता हूं, हां एक किताब तो थोडा़ मुश्किल है, लेकिन एक शायरी जरुर लिख सकता हूं। वो पूछते हैं मेरे दर्द का राज़, मैं हर नज़्म तो बयां नहीं कर सकता, और जिस खंजर कि वो बात करते हैं, उसे हर दफा यूंही झेलता हूं। उनकी गूजा़रिश पर मिठी बातें तो हज़ार करता हूं, बस जो दिल को मिठी लगे उस बात का इंतजार करता हूं। पूछते हैं वो भी वज़ह मेरी इन बातों का, मुस्कूरा के जवाब में 'बस यूंही' कह देता हूं। कहते हैं छोड़ दो यूं दर्द लिखना, क्या खूशियों के लफ़्ज तूम्हारे पास नहीं, जनाब यही तो जिंदगी है जहां हर जज़्बात के लिए अल्फा़ज नहींं लिख पाता हूं। #मिठीबात #happywords #yqpoem #yqhindi #yqbaba #yqdidi #yqdada