तेरा इंतज़ार मांगा था सुकून का एक ही कतरा मैंने अब बेचैनी से लबरेज़ मकान मेरा है ।l मेरे दिल से अभी अभी गुज़रा है कोई गौर किया तो कदमों का निशान तेरा है ।। तेरे इंतज़ार में मैं कर लूं बसर ज़िन्दगी तुझ पे फ़िदा हो जाऊं ऐसा ईमान मेरा है ।। अपना बना ले या कर दे तबाह मुझको मैं पलकों पे सजा लूं जो फरमान तेरा है। । लहजे की तेरे तल्खी ना असर करेगी मुझ पर जज्बात मर चुके हैं दिल बेजान मेरा है ।। #Teraintezar #talkhi- kadwahat #Labrez- bhara hua #Lehza- Behaviour