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बिरला ही कोई उसे समझना चाहता है, हर एक की उम्मीदें

बिरला ही कोई उसे समझना चाहता है,
हर एक की उम्मीदें हैं बेहिसाब,
उसकी उम्मीदों का मोल लगाता है,
समझकर कई बार, 
पहनता है मासूमियत का नकाब,
किसी की तरह नहीं वह सोचती,
हर एक का अपना है हिसाब,
बातें हों अपनेपन से भरी,
वह नहीं छुपाएगी मुस्कुराहट के पीछे,
अपना दर्द या हो खुशी का एहसास।।

©Sita Prasad #Ladki #girl #musingtime #girlpower #bethere #understand #simplelife #Woman Sunita Pathania