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राहें जिंदगी की वहीं राहों पर चल पडा़ हुँ मै जहाँ

राहें जिंदगी की वहीं राहों पर चल पडा़ हुँ मै
जहाँ कईं बार तुटकर बिखर पडा़ हुँ मै|
गिरकर फिर संभलकर नयी रोशनी की तलाश में
फिर वहीं राहों पर निकल पडा़ हुँ मै|
झुठी उम्मीद लिए की मिल जाए कोई अपना
लेकिन दुनिया की भीड में चुपचाप अकेला खडा हुँ मै|
कईं बार फुल समझकर काटों को छु लेता हुँ
काटों से हाथों को जख्मी कर चुका हुँ मै|
जिंदगी को कहते हसीन ख्वाब
उसे देखने का गुनाह हर बार कर चुका हुँ मै|
कईं बार इन राहों पर अपने ही दिल से लड पडा़ हुँ
कहेना कुछ और था पर कुछ अलग ही कहे चुका हुँ मै|
अतीत और वर्तमान  के बीच में आज भी खडा हुँ
कल भी हारा था खुदको आज भी हार चुका हुँ मै|
जिंदगी वहीं राहों पर क्यों निकल पडा़ हुँ मै| राहें
राहें जिंदगी की वहीं राहों पर चल पडा़ हुँ मै
जहाँ कईं बार तुटकर बिखर पडा़ हुँ मै|
गिरकर फिर संभलकर नयी रोशनी की तलाश में
फिर वहीं राहों पर निकल पडा़ हुँ मै|
झुठी उम्मीद लिए की मिल जाए कोई अपना
लेकिन दुनिया की भीड में चुपचाप अकेला खडा हुँ मै|
कईं बार फुल समझकर काटों को छु लेता हुँ
काटों से हाथों को जख्मी कर चुका हुँ मै|
जिंदगी को कहते हसीन ख्वाब
उसे देखने का गुनाह हर बार कर चुका हुँ मै|
कईं बार इन राहों पर अपने ही दिल से लड पडा़ हुँ
कहेना कुछ और था पर कुछ अलग ही कहे चुका हुँ मै|
अतीत और वर्तमान  के बीच में आज भी खडा हुँ
कल भी हारा था खुदको आज भी हार चुका हुँ मै|
जिंदगी वहीं राहों पर क्यों निकल पडा़ हुँ मै| राहें