मैं और तुम कुछ ऐसे प्रेम करें कि मैं....मैं ही रहूँ और तुम....तुम ही रहो मैं दिन को अगर रात कहूं तो तुम मुझे सुधारो हम चाँद के पार न जाकर यहीं धरती पर सुलझाएं और लड़े जमीनी वास्तविकताओं का हम कल्पनाओं में नहीं....... जियें वरन ज़िन्दगी की आपाधापी में एक दूसरे का संबल बने रहें सच्चे दोस्त की तरह हमारा प्रेम हमें बांधे नहीं बल्कि मुक्त कर दे एक दूसरे को प्रेम में हम गिरे नहीं बल्कि और ऊंचे उठ जाएँ अपनी अस्मिता से...... ©paakhi sharma #unique love #rise in love #Wish