किसी रोज़ छॉंव की तलाश में शहरीकरण, औद्योगिकीकरण, आधुनिकता की होड़ मची है... भागा जा रहा मानव जैसे दुनिया पर फतह पाने की दौड़ मची है...। क्या करेगा मानव जब पर्यावरण ही ना बच पाएगा... जो प्रकृति की मार लगी तो हे, मानव ! तू पछतायेगा...। ऑक्सीजन के खातिर ही सही क्या तू वृक्ष लगा नहीं सकता... अपनी तरक्की की भूख मिटाने के लिए तू संपूर्ण पर्यावरण को खा नहीं सकता...। पर्यावरण है, तो हम हैं , वरना हमारी सांसे कम है ... वृक्ष लगाओ, पर्यावरण बचाओ...। ©Nitu Kumari world environmental day #AareyForest #Oxigen #lifecycles