अनहुनी की दास्ताँन अनहुनी में घटी़। नही होना था जो वही बिजली बन के गिरी। नसीब की ये रेखाएँ ना तुमने पडी ना हमने पडी... बस पूर्व निश्चित लिखा था जो वही अनहुनी के रूपमें हुई... ©Aish saxena #Anhuni# #WinterFog