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तुम्हारी चाहत में इस क़दर मसरूफ हो गए हैं ना ख़बर

तुम्हारी चाहत में
इस क़दर मसरूफ हो गए हैं
ना ख़बर रही ख़ुद की
न ज़माने की फ़िक्र कर सके हम
तेरी दिलकश सूरत का
असर था, 
या था मुझे इश्क़ का जुनून
तेरी बेरुखी को
तेरी अदा समझते रहे हम

©हिमांशु Kulshreshtha  तेरी चाहत में..
तुम्हारी चाहत में
इस क़दर मसरूफ हो गए हैं
ना ख़बर रही ख़ुद की
न ज़माने की फ़िक्र कर सके हम
तेरी दिलकश सूरत का
असर था, 
या था मुझे इश्क़ का जुनून
तेरी बेरुखी को
तेरी अदा समझते रहे हम

©हिमांशु Kulshreshtha  तेरी चाहत में..