सुना था लोग गिरगिट की तरह रंग बदलते है अब देखा लोग किस तरह बदलते हैं जान निसार करो तो, जान ही लेते हैं यहां जिस्मों की कीमत है, रूह भटकते है सही और गलत की रस्सी में सब लटकते है सोचा था उनकी याद में मुस्कुराहट तो होगी पर अब मालूम चला यहां बस अश्क छलकते हैं अब इंतज़ार बस इतना सा है, के हम कब बदलते है @deepalidp ©Deepali dp #deepalidp #mojzamiracle #rahaterooh #hindishayari #jashnerekhta #Changedpeople