तेरे नाम के सहारे उम्र गुजार दी मैंने , दिन और महीना क्या वर्षों गुजार दी मैंने , तू मिलेगा एक दिन यहीं विश्वास लिए मन में , तुझसे मिलने की उम्मीद में सारी जिंदगी गुजार दी मैंने । ✍️ ऋषि तिवारी ©Rishi Tiwari Samajsevi शायरी ऋषि तिवारी #Life