पिता का होना यानी छत का होना होता है| आप कितने भी दीवालो पर पुताई करा लीजिए, लाइट लगवा लीजिए और सजावट के सामान घर में इकट्ठा कर लीजिए लेकिन बिना छत के वह घर-घर नहीं होता |इतनी जरूरत होती है पिता की अपने संतान के जीवन मैं .... एक संतान मां के आंचल में छुप के रो सकता है ,अपना दर्द दे सकता, अपना दुख बांट सकता है |पर ताकत उसे अपने पिता से ही मिलती है| यही मैंने अपने पिता और मेरे बच्चों के पिता के लिए भी महसूस किया है| #fathers day