हम सब बखैर जानते हैं कि हम मुसाफ़िर ही तो है, फ़िर भी हमें गुरूर है ,अपने मिजाज़ पर...... अपने रुतबे का , अपने ओहदे का। इस कद्र नशा है, कि दो पल के साथ चलने में आफत दिखती है। कंधे से कंधा मिलाकर चलना दूर की बात हैं। ©Ruksar Bano #रीति